विविध >> मृत्यु के बाद मृत्यु के बादजे. डी. गोयल
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परलोक जीवन की प्रामाणिक घटनाएँ
इस धरती के अधिकांश निवासी आज तक भी इस भ्रम में हैं कि मृत्यु के बाद सबकुछ समाप्त हो जाता है; और यह कि मृत्यु बड़ी कष्टकर स्थिति है या फिर कुछ लोग मानते हैं कि उनके धर्म वाले मृत्यु के बाद स्वर्ग में जाते हैं और शेष सब नरक की यातनाएं झेलते हैं। परन्तु वास्तविकता इस सबसे बिल्कुल भिन्न है। सच्चाई तो यह है कि जिस प्रकार आदमी पुराना वस्त्र उतार कर नया पहन लेता है, उसी प्रकार मृत्यु के बाद आत्मा दूसरा शरीर धारण कर लेती है या फिर जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाती है।
अब यह प्रमाणित हो चुका है कि मृत्यु एक घटना मात्र है तथा परलोक जीवन अत्यंत सुखकर है; नरक नाम की कोई चीज नहीं होती; परलोक में आप हर प्रकापृर की चिंताओं, कष्टों और बीमारियों तथा यहां तक कि बुढ़ापे की लानत तक से मुक्त हो जाते हैं और पूर्ण युवावस्था तथा पूर्ण स्वस्थ होकर जीवन का हर सुख केवल सोच भर से प्राप्त कर सकते हैं।
गुप्त अध्यात्म ज्ञान (ओकल्ट) के इस विषय पर यह अपनी तरह की पहली हिन्दी पुस्तक है जिसे ब्रह्मज्ञान मण्डल के सदस्य (थियोसाफिस्ट) जे. डी. गोयल ने अपने गहन अध्ययन तथा निजी अनुभवों के आधार पर लिखा है।
अब यह प्रमाणित हो चुका है कि मृत्यु एक घटना मात्र है तथा परलोक जीवन अत्यंत सुखकर है; नरक नाम की कोई चीज नहीं होती; परलोक में आप हर प्रकापृर की चिंताओं, कष्टों और बीमारियों तथा यहां तक कि बुढ़ापे की लानत तक से मुक्त हो जाते हैं और पूर्ण युवावस्था तथा पूर्ण स्वस्थ होकर जीवन का हर सुख केवल सोच भर से प्राप्त कर सकते हैं।
गुप्त अध्यात्म ज्ञान (ओकल्ट) के इस विषय पर यह अपनी तरह की पहली हिन्दी पुस्तक है जिसे ब्रह्मज्ञान मण्डल के सदस्य (थियोसाफिस्ट) जे. डी. गोयल ने अपने गहन अध्ययन तथा निजी अनुभवों के आधार पर लिखा है।
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